पिथौरा संस्कार न्यूज़ गौरव चंद्राकर/ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार शहीद नोहर सिंह ठाकुर हायर सेकंडरी स्कूल छिबर्रा में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें छात्र छात्राओं का बाल विवाह रोक थाम संबंधित चित्र प्रतियोगिता रखी गई। इस प्रतियोगिता में बालिकाएं बढ़चढ़ कर भाग लेते हुए प्राथमिक शाला से डिम्पल सिन्हा प्रथम, चांदिनी सिन्हा द्वीतिय, रागिनी निषाद तृतीय, माध्यमिक शाला से टीकेश्वरी कर्ष प्रथम, पायल निर्मलकर द्वीतिय, लीना रात्रे तृतीय तथा हायर सेकंडरी स्कूल से लता निर्मलकर प्रथम, हेमा ध्रुव द्वीतिय, तथा प्रिती दीवान तृतीय स्थान रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्याम सेन ने कहा की बालविवाह केवल भारत मैं ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में होते आएं हैं। भारतीय बाल विवाह को लड़कियों को विदेशी शासकों से बलात्कार और अपहरण से बचाने के लिये एक हथियार के रूप में प्रयोग किया जाता था। बाल विवाह को शुरु करने का एक और कारण था कि बड़े बुजुर्गों को अपने पौतो को देखने की चाह अधिक होती थी इसलिये वो कम आयु में ही बच्चों की शादी कर देते थे जिससे कि मरने से पहले वो अपने पौत्रों के साथ कुछ समय बिता सकें श्री सेन कहा की बालविवाह के केवल दुस्परिणाम ही होते हैं जिनमें सबसे घातक शिशु व माता की मृत्यु दर में वृद्धि | शारीरिक और मानसिक विकास पूर्ण नहीं हो पाता हैं।
प्राचार्य रामकुमार नायक ने बताया कि पुराने समय से जादू-टोना जैसी कुरीतियों एवं अंध विश्वास व्याप्त है। केवल इतना ही नहीं बल्कि महिलाओं को टोनही के नाम से कलंकित एवं प्रताड़ित भी किया जाता है और समाज में ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण मान्यता के कारण ही अत्याचार, कलह एवं हिंसा का वातावरण बना रहता है। जादू-टोना के भय के कारण समाज अविकसित, शोषित और दमित होकर रह गया है। साथ हि बाल विवाह रोक थाम पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र प्रसाद मार्कंडेय एवं आभार प्रदर्शन लक्ष्मीलाल सिदार ने किया।कार्यक्रम में टीकाराम नायक, विनोद खलखो, राजेन्द्र नंद, खेमप्रसाद पटेल, चंद्रशेखर पटेल, उद्धव सिन्हा, डुलेश्वर सिन्हा, लक्ष्मण सिन्हा, श्रीमती भानूमती पटेल, चंद्रकला पटेल, कृष्णा राजपूत, बबिता पटेल, किरन पटेल सहित अन्य ग्रामवासी उपस्थित रहे।