शिक्षा विभाग ने डेमोंस्ट्रेशन स्कूल के रूप में चुना गया नर्रा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को,जिले के एक मात्र विद्यालय। - sanskar.live
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जनवरी 21, 2023

शिक्षा विभाग ने डेमोंस्ट्रेशन स्कूल के रूप में चुना गया नर्रा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को,जिले के एक मात्र विद्यालय।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए पूरे राज्य की अगुवाई करने का मौका मिला नर्रा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को।



 बागबाहरा संस्कार न्यूज़ गौरव चंद्राकर /सुबोध कुमार तिवारी के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोजेक्ट के राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व दिल्ली में किया था। उसके बाद राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा ने सुबोध कुमार तिवारी के नेतृत्व में शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला  नर्रा को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए डेमोंस्ट्रेशन स्कूल के रूप में चुना है।


 राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के तहत राज्य के प्रत्येक जिले के एक स्कूल को अलग अलग विधाओं में डेमोंस्ट्रेशन स्कूल के लिए चयन किया गया है,किन्तु राज्य कार्यालय द्वारा शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला नर्रा में प्रभारी प्राचार्य सुबोध कुमार तिवारी के नेतृत्व मे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक को जिले के अन्य स्कूलों के साथ राज्य के स्कूलों में प्रसारित करने के लिए एआई बेसिक लैब नर्रा  स्थापित किया जाएगा।

      प्रारंभ में जिले के दस स्कूलों के चयनित छात्रों और शिक्षकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक की जानकारी दी जाएगी। उन्हें एआई आधारित प्रोजेक्ट बनाने के तकनीक सिखाए जाएंगे। उसके बाद अगले चरण में इसे नर्रा स्कूल के माध्यम से जिले के अन्य स्कूलों में लेे जाया जाएगा, तथा अगले चरण में राज्य के लिए लागू किया जाएगा।

    इस वर्ष इस प्रोजेक्ट के तहत शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला नर्रा के माध्यम से जिन दस स्कूलों में एआई तकनीक सिखाई जानी है, उनमें शासकीय मिडिल स्कूलों में नर्रा, बिंद्रवन, परसूली, कसेकेरा,  शासकीय उच्चतर माध्यमिक शालाओं में कोमाखान, परसूली, कोमाखान, टेमरी, देवारी एवं शासकीय उच्च माध्यमिक शाला कसेकेरा को राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा चुना गया है।  इन स्कूलों मे एआई आधारित तकनीक सीखने में नर्रा के सुबोध तिवारी को जिम्मेदारी दी गई है।

*ए आई में नर्रा का सफर*

जून 2021 में नर्रा के 50 छात्रों को इंटेल के विशेषज्ञों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक की ट्रेनिंग दी, विद्यालय के सात छात्र राष्ट्रीय स्तर की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रतियोगिता में टॉप 100 में रहे। नवंबर 2022 में  दो छात्र का  एआई आधारित कृषि प्रोजेक्ट  ने टॉप 20 में दिल्ली में राज्य का प्रतिनिधित्व किया।

*स्कूली शिक्षा में कितना जरूरी है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस*

नई शिक्षा नीति में शामिल पाठ्यक्रम का अहम घटक है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस। सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों मे इसकी पढ़ाई प्रारंभ हो चुकी है, परन्तु राज्य के पाठ्यक्रम में नहीं है शामिल। ऐसे में इस नई तकनीक के लिए नर्रा में बेसिक लैब बनने तथा दस अन्य स्कूलों तक इसे विस्तार करने की कार्ययोजना से राज्य के सरकारी स्कूलों के छात्रों को भी इस नई तकनीक को सीखने का अवसर मिलेगा। आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का 12 हजार करोड़ का मार्केट भारत में है ऐसे में इसे भविष्य की तकनीक भी कहा जाने लगा है।

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