बैठक में एससी एसटी ओबीसी वर्ग का जिला स्तरीय कार्यक्रम कराने का लिया निर्णय
महासमुंद संस्कार न्यूज़ गौरव चंद्राकर /छतीसगढिया एससी एसटी ओबीसी सर्व पिछड़ा समाज की बैठक रविवार को मरार पटेल छात्रावास में जिलाध्यक्ष बंसंत सिन्हा के अध्यक्षता में रखा गया। जिसमें पिछड़ा समाज के बीच सामाजिक एकता व सामंजस्य स्थापित करने के साथ संवैधानिक अधिकारों के लिए एकजुट होकर शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने का निर्णय लिया गया।राज्य सरकार द्वारा स्कुलो में सावित्री बाई फुले की फोटो लगाने व माता बहादुरीन कलारीन के नाम से राज्य अलंकरण पुरस्कार देने की निर्णय का स्वागत प्रस्ताव पारित किया। उपस्थित समाज प्रमुखों द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के 27प्रतिशत आरक्षण के लिए गठित क्वांटीफाइवल डाटा कमेटी द्वारा तय समय पर रिपोर्ट तैयार नहीं करने पर कमेटी व सरकार के मंशा पर सवाल करते हुए एससी का 16 , एसटी का 32 व ओबीसी का 27 प्रतिशत आरक्षण व राज्य में डोमेसाइल(मुलनिवासी) नीति लागू करने, सामान्य वर्ग के गरीब आरक्षण पर सभी वर्गों के गरीबों को शामिल करने व फर्जी जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ एससी एसटी ओबीसी वर्ग के लिए दस्तवेजो के अलावा समाज अध्यक्षों की प्रमाण पत्र के अनिवार्यता के लिए मुख्यमंत्री जी के साथ जनप्रतिनिधियों से मांग करने का निर्णय लिया गया।
सामाजिक सामंजस्य एवं एकता स्थापित करने के लिए एससी एसटी ओबीसी समाज के बीच महापुरुषों के विचारों व संवैधानिक अधिकारों का प्रचार प्रसार करने व कार्यशाला का आयोजन रखने का निर्णय लिया गया। एवं 16 अक्टूबर को मरार पटेल समाज द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में सर्व पिछड़ा समाज के सभी समाज अध्यक्षों की अतिथि बनने सहमति प्रदान किया।
बैठक में जिलाध्यक्ष बसंत सिन्हा,कार्यकारी जिलाध्यक्ष पवन पटेल, महिला प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मीना वर्मा सरंक्षक गण साहु समाज के जिलाध्यक्ष धरमदास साहु,कलार समाज के जिलाध्यक्ष ईश्वर साहु, यादव समाज के जिलाध्यक्ष राजू यादव,सारथी समाज के प्रांताध्यक्ष के आर सागर, सलाहकार रेशमदास मानिकपुरी,मुन्ना साहु, कुर्मी समाज के चंद्रशेखर चंद्राकार, रविदास समाज के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र रौतिया,सतनामी समाज के जिला उपाध्यक्ष के सोनटके,नुतन कुर्रे व अन्य समाज प्रमुख लक्ष्मी साहु, राजेश रात्रे,बनवासो सिन्हा देवेन्द्र मिर्चें उपस्थित रहे। बैठक का संचालन महामंत्री रेखराज बघेल ने किया।