स्व.माँ शांतिदेवी बंसल की स्मृति में छत्तीसगढ़ राज्य सीनियर शतरंज चयन स्पर्धा का शुभारंभ हुआ पिथौरा
दिशाहीन खिलाड़ी कभी भी लक्ष्य और सफलता को हासिल नही कर सकता - अनूप अग्रवाल
उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि व्यापारी एकता मंच के अध्यक्ष अनूप अग्रवाल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महासमुन्द जिला शतरंज संघ के अध्यक्ष डॉ डी एन साहू ने की । विशिष्ट अतिथि के रूप अग्रवाल समाज के अध्यक्ष सुरेश बंसल, एफ ए नंद, बीजू पटनायक, सुरेन्द्र भगत तथा प्रतियोगिता संचालक व छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ के प्रांतीय सचिव हेमन्त खुटे मंचस्थ थे।
सर्वप्रथम जिला शतरंज संघ के कोषाध्यक्ष बीजू पटनायक ने स्वागत उदबोधन दिया तत्पश्चात राज्य सचिव हेमन्त खुटे द्वारा प्रगति प्रतिवेदन का वाचन किया गया।
मुख्य अतिथि अनूप अग्रवाल ने शतरंज की बिसात पर प्यादे को दो घर चलकर स्पर्धा का शुभारंभ किया। उन्होंने अपने उदबोधन में कहा कि भारत विश्व गुरु के नाम से जाना जाता था ।आज उसके वर्चस्व को बनाए रखने की जरूरत है । शतरंज एक बौद्धिक खेल है और लक्ष्य के प्रति हमारे मन को केंद्रित करता है ।
खिलाड़ियों को सही दिशा एवं मार्गदर्शन देने के लिए ऐसे आयोजन महत्वपूर्ण होते हैं ।उन्होंने आगे कहा कि आज भला भारत के गौरव विश्वनाथन आनंद , दिव्येंदु बरुआ,कोनेरू हम्पी व छत्तीसगढ़ की अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ी व विक्रम अवार्डी वूमेन फीडे मास्टर किरण अग्रवाल के योगदान को कौन भूल सकता है । भारत की विरासत ऐसे ही महान खिलाड़ियों के योगदान से लब्ध प्रतिष्ठित है । शिक्षाविद एवं साहित्यकार एफ ए नंद ने कहा कि शतरंज भारत का लोकप्रिय एवं प्रतिष्ठित खेल है। यह मानसिक ऊर्जा उत्पन्न करने में सार्थक है।एक शतरंज खिलाड़ी कभी भी अवसादपूर्ण स्थिति में नही होता है। वह चुनौतियों का सामना करता है ।अपने अध्यक्षीय उदबोधन में डॉ डी एन साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ के मार्गदर्शन में महासमुंद जिला शतरंज संघ को यह चयन स्पर्धा कराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। हमारी कोशिश आगे भी जारी रहेगी कि शतरंज के खिलाड़ियों को इसी तरह का प्लेटफार्म दे सके ताकि वे अपनी अपनी प्रतिभा व जौहर का प्रदर्शन कर सके।
कार्यक्रम का संचालन डीगम साहू ने तथा आभार प्रदर्शन कोषाध्यक्ष बीजू पटनायक द्वारा किया गया।
प्रतियोगिता के मुख्य निर्णायक रॉकी देवांगन , डिप्टी चीफ आर्बिटर यशवंत चौधरी तथा आर्बिटर सुरेन्द्र भगत है।