रामदर्शन पब्लिक स्कूल में बच्चों ने संभाली जागरूकता की कमान - sanskar.live
ad inner footer ad inner footer ad inner footer
ad inner footer ad inner footer

Hot

दिसंबर 14, 2025

रामदर्शन पब्लिक स्कूल में बच्चों ने संभाली जागरूकता की कमान



पिथौरा संस्कार न्यूज गौरव चंद्राकर/समाज में परिवर्तन की सबसे सशक्त शुरुआत तब होती है, जब चेतना बचपन में ही संस्कारित हो जाए। इसी सोच को साकार करते हुए रामदर्शन पब्लिक स्कूल, पिथौरा में एक प्रेरणादायी और प्रभावशाली जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें बाल विवाह, महिला सुरक्षा, गुड टच–बैड टच और आपातकालीन हेल्पलाइन जैसे अत्यंत संवेदनशील विषयों पर विद्यार्थियों ने स्वयं प्रस्तुति दी।

यह कार्यक्रम केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं था, बल्कि बच्चों की सोच, समझ और सामाजिक जिम्मेदारी का जीवंत उदाहरण बनकर सामने आया। खास बात यह रही कि पूरे सत्र का संचालन और प्रस्तुति छात्रों द्वारा ही की गई। उन्होंने न केवल विषयों को शब्दों में रखा, बल्कि वास्तविक जीवन के उदाहरणों के माध्यम से उन्हें सरल, प्रभावी और भावनात्मक रूप से समझाया। परिणामस्वरूप, विद्यालय परिसर में उपस्थित प्रत्येक छात्र पूरे ध्यान और संवेदनशीलता के साथ इस सत्र से जुड़ा रहा।

“हर बालिका सुरक्षा, समानता और सम्मान की हकदार है” जैसे संदेशों ने बच्चों के मन में गहरी छाप छोड़ी। वहीं “लेट चिल्ड्रन ड्रीम – नॉट मैरी” विषय पर हुई प्रस्तुति ने बाल विवाह के दुष्परिणामों को इतनी सच्चाई और सरलता से सामने रखा कि श्रोता भावुक हुए बिना नहीं रह सके। गुड टच–बैड टच जैसे विषय को छोटे बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया जाना इस बात का प्रमाण था कि सही मार्गदर्शन मिलने पर बच्चे भी गंभीर सामाजिक मुद्दों को समझने और समझाने में सक्षम होते हैं।

आपातकालीन हेल्पलाइन नंबरों पर आधारित जागरूकता सत्र ने बच्चों को यह विश्वास दिया कि संकट की घड़ी में सहायता हमेशा उपलब्ध है, बस जानकारी होना आवश्यक है। पोस्टर प्रदर्शनी ने कार्यक्रम को और अधिक प्रभावशाली बना दिया, जिसमें छात्राओं की रचनात्मकता और सामाजिक चेतना स्पष्ट रूप से झलकी।

कार्यक्रम के दौरान विद्यालय का वातावरण अत्यंत अनुशासित, संवेदनशील और सकारात्मक बना रहा। शिक्षकों और प्रबंधन ने विद्यार्थियों की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि जब बच्चे स्वयं सामाजिक जिम्मेदारी को समझते हैं, तब शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि जीवन मूल्यों में परिवर्तित हो जाती है।

रामदर्शन पब्लिक स्कूल की यह पहल यह संदेश देती है कि यदि बच्चों को सही मंच, विश्वास और मार्गदर्शन मिले, तो वे न केवल अपने लिए बल्कि पूरे समाज के लिए बदलाव की मशाल बन सकते हैं। यह कार्यक्रम निश्चित ही अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए एक प्रेरक उदाहरण है, जहाँ शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं, बल्कि सुरक्षित, संवेदनशील और जागरूक समाज का निर्माण करना है।

Post Top Ad

ad inner footer ad inner footer