बच्चों को पढ़ाई के प्रति रूचि जागृत करने हेतु रोचक तरीके व नवाचारी गतिविधि से अध्यापन कराना जरूरी-बीईओ जोल्हे
*विज्ञान व अंग्रेजी विषय पढ़ाने वाले शिक्षक शिक्षिकाएं प्रशिक्षित हुए*
बसना संस्कार न्यूज़ गौरव चंद्राकर/ कक्षा छठवीं के नवीन पाठ्य-पुस्तकों पर आधारित पॉंच दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन शासकीय हाई स्कूल बड़े टेमरी में किया गया।यह प्रशिक्षण विकास खंड शिक्षा अधिकारी बद्री विशाल जोल्हे, विकास खंड स्रोत केंद्र समन्वयक समग्र शिक्षा अनिल सिंह साव, सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी लोकेश्वर सिंह कॅंवर के मार्गदर्शन व निर्देशानुसार प्रशिक्षण प्रभारी शिक्षक प्रेमचन्द साव,राजेश कुमार भोई,विज्ञान विषय के बी.आर.जी.अमित कुमार चौरसिया,ज्वाला प्रसाद नर्मदा,जितेन्द्र भोई,अंग्रेजी विषय के बी.आर.जी.राजू साहू,योगेश साहू,पुरंदर डड़सेना के द्वारा विज्ञान और अंग्रेजी विषय का अध्यापन कराने वाले शिक्षक शिक्षिकाओं को एनईपी 2020 के तहत रोचकपूर्ण,गतिविधि आधारित,नवाचारी गतिविधियों के माध्यम से अध्यापन कराने हेतु प्रशिक्षित किया गया। एफ एल एन विकास खंड नोडल शरण दास के द्वारा हरगोविंद खुराना सहित भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान को विस्तारपूर्वक बताया गया। शासकीय हाई स्कूल बड़े टेमरी के प्राचार्य हरिकृष्ण बेहरा ने विषय आधारित प्रशिक्षण के महत्व पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला गया। विकासखण्ड स्रोत केंद्र समन्वयक समग्र शिक्षा अनिल सिंह साव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य एक ऐसी शिक्षा प्रणाली बनाना है जो छात्र-छात्राओं को सिर्फ जानकारी न दे, बल्कि उन्हें सोचने,समझने और देश के विकास में योगदान करने में सक्षम बना सकते हैं।आगे उन्होंने शिक्षक के दायित्व, समय-चक्र निर्माण व उसका पालन, स्वच्छ विद्यालय परिसर, नियमित विद्यार्थी विकास सूचकांक का प्रकाशन, शिक्षक डायरी नियमित लिखने, दस्तावेज़ीकरण, सीखने के तीन चरण-ध्यान से सुनना,सुनने के बाद अभ्यास, गलतियों पर चिंतन मनन करने आदि पर बातें की।'विद्यालयों में शिक्षाक्रम एवं शिक्षण शास्त्र नवीन ढॉंचें के बारे में विस्तारपूर्वक बताते हुए विकास खंड शिक्षा अधिकारी बद्री विशाल जोल्हे ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को कहा कि तार्किक चिंतन,सृजनात्मकता, सहयोग की भावना, समूह में कार्य करना,रटने की सभी प्रतिक्रिया को खत्म करके बच्चों में विश्लेषण, तर्क,संवाद और जीवन में ज्ञान के उपयोग को विकसित करने के लिए हमें बच्चों को गतिविधि आधारित शिक्षण,रोचक तरीके व नवाचारी गतिविधियों के माध्यम से अध्यापन कराना होगा। आगे उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य भारत में एक समग्र,लचीली और समावेशी शिक्षा प्रणाली बनाना है जो विद्यार्थियों को रटने की बजाय वैचारिक समझ, रचनात्मकता को बढ़ावा दे। भारतीय संस्कृति और मूल्यों पर आधारित हो और सभी को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करके एक जीवंत ज्ञान समाज का निर्माण करना है।"बीआरजी राजू साहू द्वारा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या,अंग्रेजी विषय के प्रशिक्षण प्रभारी राजेश कुमार भोई द्वारा एन ई पी के उद्देश्य को बताते हुए पंचकोश से परिचय कराया गया।विज्ञान विषय के प्रशिक्षण प्रभारी व बीआरजी प्रेमचन्द साव ने विज्ञान विषय को रोचक तथ्य,कहानी, विज्ञान नाटिका व कविता के माध्यम से पढ़ाकर रोचक बनाने के बारे में विस्तारपूर्वक बताकर प्रमुख अनुभव आधारित व गतिविधि आधारित विज्ञान गतिविधियां-प्रयोगशाला प्रयोग, पर्यावरण अध्ययन भ्रमण, घरेलू वस्तुओं से प्रयोग, प्रोजेक्ट व मॉडल निर्माण, समूह चर्चा कर निष्कर्ष निकालना, गतिविधि आधारित शिक्षण,भूमिका निर्माण, परियोजना विधि आदि द्वारा अध्ययन अध्यापन कराने से जिज्ञासा व खोज की प्रवृत्ति विकसित, संकल्पना स्थाई रूप से समझ, आत्मनिर्भरता, सहयोग की भावना एवं विज्ञान के प्रति रूचि व जिज्ञासा उत्पन्न होने के बारे में बताया गया। अमित चौरसिया ने मापन प्रणाली में प्राचीन समय में उपयोग की जाने वाली मापन स्केल से अवगत कराकर सीखने के प्रतिफल व समग्र आकलन, न्यूनतम अधिगम स्तर, उपचारात्मक शिक्षण आदि के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया।बीआरजी जितेन्द्र भोई द्वारा आकलन व मूल्यांकन में अंतर विस्तारपूर्वक बताते हुए रोचक तरीके से विज्ञान शिक्षण के बारे में जानकारी दिया गया। इनके द्वारा आकलन के विभिन्न सिद्धांतों एवं उद्देश्यों के बारे में भी बताया गया। कार्यक्रम के अंतिम दिन कृति कला शिक्षण के तहत् संगीत,गायन,शिल्पकला,नृत्य विधा, कविता गायन,नाटक आदि के बारे में शिक्षक शिक्षिकाएं प्रशिक्षित हो पाए। शिक्षक रवीन्द्र राणा,प्रफुल्ल कुमार बारीक एवं नरेश प्रधान के द्वारा बेहतरीन पारंपरिक गीत हारमोनियम, तबला के साथ सुनाया गया।मनीलाल पटेल द्वारा जिज्ञासा विषय पर लिखे स्वरचित कविता का पाठ किया गया। अंग्रेजी विषय के प्रशिक्षण में बी.आर.जी.राजू साहू,पुरंदर डड़सेना एवं योगेश साहू का महत्वपूर्ण योगदान रहा। सभी प्रशिक्षणार्थी एन ई पी 2020 के तहत् भाषा शिक्षण के तरीकों के बारे में विस्तारपूर्वक जान पाए।इस प्रशिक्षण में अंग्रेजी विषय के 50 और विज्ञान विषय के 50 शिक्षक शिक्षिकाएं प्रशिक्षित हो पाए।समापन अवसर पर सभी प्रशिक्षणार्थियों को विकासखंड शिक्षा अधिकारी बद्री विशाल जोल्हे एवं विकास खंड स्रोत केंद्र समन्वयक समग्र शिक्षा अनिल सिंह साव द्वारा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत् अध्ययन अध्यापन हेतु सभी शिक्षकों को प्रेरित व प्रशिक्षित किया गया।इस अवसर पर मुख्य रूप से बड़े टेमरी समन्वयक वारिश कुमार,गिधली समन्वयक गजेन्द्र नायक,एफ एल एन नोडल शरण कुमार दास सहित अनेक शिक्षकगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में शिक्षक महेंद्र कुमार साहू एवं जगमोहन साहू द्वारा प्रशिक्षण के अपने अनुभवों को साझा किया गया।






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