महासमुंद संस्कार न्यूज़ गौरव चद्राकर /संयुक्त मंच के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका कल 1 सितंबर को अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन करने जा रहे हैं। महासमुंद शहर के नया रावणभाठा मैदान में धरना-सभा का आयोजन किया गया है, जहां जिले भर से लगभग 3हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका इस आंदोलन में शामिल होंगी।
धरना सभा के बाद रैली निकालकर प्रदर्शनकारी कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहीं सुधा रात्रे, द्रोपती साहू और सुलेखा शर्मा ने जानकारी दी कि आंगनबाड़ी सेवाएं 50 वर्ष पूरे होने के बाद भी कार्यकर्ता-सहायिकाओं को न तो शासकीय कर्मचारी का दर्जा मिला है और न ही न्यूनतम मजदूरी एवं सामाजिक सुरक्षा।
प्रमुख मांगें—
1. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को तृतीय श्रेणी और सहायिका को चतुर्थ श्रेणी शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।
2. शासकीय दर्जा मिलने तक देशभर में एक समान वेतन लागू किया जाए – कार्यकर्ता को ₹26,000 एवं सहायिका को ₹22,100 प्रतिमाह।
3. सेवानिवृत्ति पर पेंशन, ग्रेच्युटी, समूह बीमा एवं कैशलेस चिकित्सा सुविधा दी जाए।
4. सहायिका को कार्यकर्ता तथा कार्यकर्ता को सुपरवाइज़र पद पर प्रत्यक्ष पदोन्नति दी जाए।
5. पोषण ट्रैकर, THR वितरण व FRS/e-KYC जैसी डिजिटल अनिवार्यताओं को समाप्त कर ऑफलाइन प्रणाली लागू की जाए।
6. महंगाई भत्ता एवं न्यूनतम वेतन संबंधी गुजरात उच्च न्यायालय का आदेश छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जाए।
7. सेवा निवृत्ति के बाद कार्यकर्ता को ₹10,000 एवं सहायिका को ₹8,000 मासिक पेंशन, साथ ही क्रमशः ₹5 लाख एवं ₹4 लाख ग्रेच्युटी प्रदान की जाए।
8. आकस्मिक मृत्यु पर परिवार को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा कि “हम 50 वर्षों से सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचा रहे हैं, लेकिन आज भी हमें न तो सम्मानजनक वेतन मिला है और न ही कोई सामाजिक सुरक्षा। अब जबकि केंद्र और राज्य दोनों जगह एक ही पार्टी की सरकार है, ऐसे में हमारी मांगों पर तुरंत निर्णय होना चाहिए।"
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August 31, 2025 at 11:28AM