खुसरुपाली विद्यालय में अंधविश्वास उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन
श्री विश्वास मेश्राम ने अपने विस्तृत संबोधन में कहा कि अंधविश्वास केवल भय और भ्रम का जाल है, जिससे बाहर निकलकर वैज्ञानिक सोच को अपनाना समय की मांग है। उन्होंने नारियल से धुआं निकलने के लिए सोडियम के प्रयोग, पोटैशियम परमैगनेट व ग्लिसरीन में पानी से आग जलाने के प्रयोगों को दिखाकर समझाया कि ये सब रासायनिक क्रियाएं हैं, जिनका कोई भी जादू-टोना से संबंध नहीं है। उन्होंने ग्रामीणों और बच्चों को भूत-प्रेत, तंत्र-मंत्र जैसी मान्यताओं से बचने तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने का संकल्प दिलाया। साथ ही सर्पदंश जैसी परिस्थितियों में सही प्राथमिक उपचार और चिकित्सीय सहायता लेने के सुझाव भी दिए।
मिडिल स्कूल कसेकेरा के प्रधानपाठक श्री विजय शर्मा ने भी बच्चों और ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में आज भी अंधविश्वास गहराई तक फैला हुआ है, जो सामाजिक प्रगति में बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि ज्ञान और तर्क के माध्यम से ही इन कुरीतियों का समाधान संभव है। श्री शर्मा ने बच्चों को वैज्ञानिक सोच के साथ आगे बढ़ने, किसी भी घटना को समझने का प्रयास करने और अंधश्रद्धा से दूर रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को बचपन से ही जागरूक बनाना जरूरी है, ताकि भविष्य में एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाला समाज तैयार हो सके।कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के प्रधानपाठक श्री प्रेमचंद डडसेना द्वारा किया गया। कार्यक्रम में शिक्षक श्री धीरज तिवारी और शिक्षिका श्रीमती उषा चंद्राकार की भी उपस्थिति रही। कार्यक्रम के अंत में श्रीमती उषा चंद्राकार ने सभी अतिथियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की।