गुरू पर्व पर साध्वी जी का हुआ आत्मीय स्वागत
पिथौरा संस्कार न्यूज़ गौरव चद्राकर /गुरु जब अपने शिष्य पर कृपा करते हैं तो उसे आध्यात्मिक और व्यावहारिक ऊर्जा से सराबोर करते हैं। गुरु अगर व्यवहारिक तौर पर जीवन जीने का मंत्र देते हैं तो जीवन को आध्यात्मिक उत्कर्ष तक पहुंचाने के लिए मंत्र के साथ साथ ग्रंथ भी देते हैं। कृष्णम वन्दे जगतगुरूम अर्थात जब भगवान कृष्ण ने अर्जुन पर कृपा की तो युद्ध के मैदान में भक्ति और मुक्ति का मंत्र दिया साथ ही गीता जैसे ग्रंथ दिया। इसी तरह नारद जी ने वेदव्यास जी को अध्यात्म का मंत्र दिया तो महाभारत जैसी ग्रंथ भी दिया।
उपरोक्त उद्गार अयोध्या धाम से पधारी सुप्रसिद्ध कथा वाचिका राधिका किशोरी ने पिथौरा में आयोजित गुरुपर्व महोत्सव में हजारों की संख्या उपस्थित अपने अनुयायियों को प्राचीन भारतीय गुरु शिष्य परंपरा का महत्व प्रतिपादित करते हुए व्यक्त किए।
साध्वी श्री राधिका किशोरी ने कहा कि "गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा " यह श्लोक गुरु का महिमामंडन करते हुए आदिकाल से प्रचलित है इसके गूढ़ रहस्य को समझना जरूरी है गुरु के रूप में ब्रह्मा अपने चारों मुख से भगवान विष्णु अपने चारों हाथों से और भगवान शंकर अपने पांच मुख से कृपा करते हैं। गुरु के रूप में ब्रह्मा जी अपने चार मुख से क्रमशः मंत्र ग्रंथ धाम और भाव प्रदान करते हैं भगवान विष्णु अपने चारों हाथ से क्रमशः आशीर्वाद, शब्द, स्पर्श और प्रसाद प्रदान करते हैं। इसी तरह भगवान शंकर अपने पांचो मुख से क्रमशः पांच विकारों का मर्दन करते हैं। दूषित विचारों का, दूषित आहार का, व्यवहार के प्रपंचों का तथा आकार परिवर्तन से मुक्त करते हैं। भारतीय संस्कृति में गुरु शिष्य परंपरा काफी समृद्ध रही है। बदलते परिवेश में इसके महत्व को कमतर करके आंका जा रहा है किंतु विश्व गुरु बनने के लिए इस परंपरा का उत्थान अपरिहार्य है।
मूलतः अयोध्या ( उत्तप्रदेश ) की रहने वाली साध्वी श्री राधिका किशोरी कथा वाचन के लिए छत्तीसगढ़ में जाना पहचाना नाम है। खास तौर पर महासमुंद एवं उसके सीमावर्ती जिलों में उनकी कथाएं अनवरत चलते रहती हैं। पिथौरा में आयोजित गुरुपर्व महोत्सव में छत्तीसगढ़ भर में फैले उनके शिष्यों व अनुयायियों ने उनका पूजन अर्चन किया। जय राघव जय माधव भक्त मंडल की ओर से इस आयोजन की भव्य तैयारी की गई थी। कार्यक्रमस्थल गुरु तेग बहादुर धर्मशाला तक उन्हें आतिशबाजी व बाजे गाजे के साथ जयकारों के बीच लाया गया। जहां विप्रजनों के द्वारा शंख एवं घंटियों के मधुर ध्वनि बजाकर स्वस्ति वाचन के साथ स्वागत किया। राज्य के विभिन्न हिस्सों रायपुर, महासमुंद, बागबाहरा, पिथौरा, बसना, सराईपाली, रायगढ़, जांजगीर चांपा, बलौदाबाजार एवं पदमपुर उड़ीसा से बड़ी संख्या में आये उनके अनुयायियों ने वैदिक रीति से उनका पद प्रच्छालन किया और पूजन अर्चन किया। शिष्यों की संख्या इतनी थी कि साध्वी के पूजन हेतु लंबी लाइन लगी रही।और गुरुपूजन का यह कार्य घंटों तक चलता रहा। पूरे कार्यक्रम में जयसिंह यादव, मुकेश मिश्रा, नंदलाल तिवारी की संगीत मंडली द्वारा प्रस्तुत भजन आकर्षण का केंद्र रहे। बसना विधायक डॉ सम्पत अग्रवाल तथा पूर्व सांसद चुन्नीलाल साहू, पूर्व मंडी अध्यक्ष प्रेमशंकर पटेल, जिला पंचायत के सभापति रामदुलारी सिन्हा, वरिष्ठ पत्रकार नीरज गजेंद्र एवं दानवीर शर्मा ने भी राधिका किशोरी से आशीर्वाद प्राप्त किया।
"इनका रहा सराहनीय योगदान "
कार्यक्रम को सफल बनाने में जय राघव जय माधव समिति के उमेश दीक्षित, सतपाल छाबड़ा, प्रेमशंकर पटेल, राधेश्याम अग्रवाल, सीताराम सिन्हा, मनोहर साहू, पुनीत सिन्हा, सादराम पटेल, अभय दुबे, कंवलजीत सिंह छाबड़ा, द्वारिका पटेल, मोनू अग्रवाल, पोलाराम डड़सेना, बोधीराम चौधरी, वेदप्रकाश गोयल, दिनेश पटेल, यशवंत डड़सेना, घनश्याम साहू, हेमंत निषाद, गोवर्धन ध्रुव, घनश्याम धांधी, मिथलेश पटेल, चंचल सिन्हा, विनोद सिन्हा, परमेश्वर डड़सेना, सुयश गोयल, कृष्ण कुमार चौहान, चित्रसेन बारीक, वृंदावन विश्वकर्मा, विद्या चरण नायक, सुखसागर जगत, टेकलाल सिन्हा, रविशंकर पटेल, डॉ राजेन्द्र नायक, उमाशंकर पटेल, विवेक पटेल, खेमराज सिन्हा, दिनेश चौधरी ,ताम्ररस साहु आदि का सराहनीय योगदान रहा।