बागबाहरा के मिनी स्टेडियम में 300 से अधिक लोगों ने देखा सबसे बड़ा ग्रह जूपिटर - 3 चंद्रमाओं को देखा उसका चक्कर लगाते हुए - sanskar.live
ad inner footer ad inner footer ad inner footer
ad inner footer ad inner footer

Hot

मार्च 11, 2025

बागबाहरा के मिनी स्टेडियम में 300 से अधिक लोगों ने देखा सबसे बड़ा ग्रह जूपिटर - 3 चंद्रमाओं को देखा उसका चक्कर लगाते हुए

 





बागबाहरा संस्कार न्यूज़ गौरव चंद्राकर /300 से अधिक संख्या में बच्चे, बड़े, महिलाएं, बुजुर्ग और  विद्यार्थी बागबाहरा के मिनी स्टेडियम में हमारे सौर मंडल के बारे में जानने की इच्छा लेकर एकत्र हुए थे। उन्होंने पश्चिम दिशा में चमकते हुए खगोलीय पिंड को तारा समझा और कहा कि सर यही तारा हमें हर रोज शाम को दिखाई देता है और कभी कभी बिल्कुल चांद के पास दिखता है। तब विज्ञान आश्रम कसेकरा के संचालक, पूर्व अपर कलेक्टर विश्वास मेश्राम ने उन्हें बताया कि यह चमकदार पिंड तारा नहीं है बल्कि इवनिंग स्टार के नाम से जाने जाना वाला ग्रह शुक्र है। इसे हम पृथ्वी के सिस्टर प्लेनेट के रूप में जानते हैं। इसके बाद उन्होंने स्टूडेंट्स के सिर के ऊपर चमकते हुए एक और चमकदार खगोलीय पिंड को दिखाकर पूछा कि वह क्या है और किस नाम से जाना जाता है? तब उपस्थित लोगों में से किसी ने उसे ध्रुव तारा कहा तो किसी ने उसे सप्तऋषि कहा। जब विज्ञान सभा की टीम द्वारा उन्हें न्यूटोनियन टेलीस्कोप से इस खगोलीय पिंड को फोकस कर दिखाया गया तो उनके मुंह से वाह वाह निकल गया। लोगों ने बताया कि उन्हें अब टेलीस्कोप के आईपीस में पूर्णिमा के चांद जैसी एक गोल डिस्क दिखाई दे रही है जिसके बाई ओर बिल्कुल एक सीध में तीन तारे बहुत स्पष्ट चमकते हुए दिखाई दे रहे हैं। जब वहां मौजूद विशेषज्ञ शिक्षकों - श्री खेमचंद चक्रधारी, डॉ विजय शर्मा, श्री डी एस टंडन और श्री पंकज शर्मा ने उन्हें बताया कि बच्चों यह कोई तारा नहीं बल्कि हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह जूपिटर अर्थात बृहस्पति है और उसके पास एक सीध में दिख रहे 3 पिंड - जिन्हें आप तारे कह रहे हैं - तारे न होकर जुपिटर ग्रह के चारों ओर घूमते हुए उसके चंद्रमा हैं तो वे आश्चर्य चकित रह गए। न्यूटोनियन टेलिस्कोप को संचालित कर रहे हाथी बाहरा मिडिल स्कूल के प्रधान अध्यापक श्री खेमचंद चक्रधारी ने उन्हें बताया कि जुपिटर के चार चन्द्रमा, जिन्हें सबसे पहले गैलीलियो ने देखा था - उनके नाम आयो, यूरोपा, गेनिमेड और कैलिस्टो है। ये चंद्रमा जुपिटर के चारों ओर चक्कर लगाते रहते हैं। इस समय एक चंद्रमा जुपिटर के पीछे होने के कारण हमें सिर्फ तीन चंद्रमा दिखाई दे रहे हैं। 

ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा द्वारा विज्ञान दिवस पखवाड़े के अंतर्गत  मिनी स्टेडियम बागबाहरा में स्टार गेजिंग का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। विज्ञान आश्रम कसेकरा के न्यूटोनियन टेलीस्कोप के माध्यम से इस अवसर पर लोगों को चंद्रमा के क्रेटर्स, जुपिटर के चन्द्रमा और रात को सबसे अधिक चमकते  तारे सायरस का अवलोकन कराया गया और विभिन्न तारामंडलों की जानकारी दी गई। स्टार गेजिंग के लिए युवा खगोलविद श्री धनराज भी अपने टेलिस्कोप के साथ इस आयोजन में शामिल हुए । उन्होंने और उनकी टीम  जिसमें  श्री धवल यादव, श्री सत्यांग चंद्राकर, श्री ओम चंद्राकर और श्री कमलेश चंद्राकर शामिल हैं - के साथ चंद्रमा के क्रेटर्स और जुपिटर ग्रह का भी लोगों को अवलोकन कराया। उन्होंने इस दौरान अपने मोबाइल कैमरे से चंद्रमा और बृहस्पति ग्रह के फोटोग्राफ भी लिए। श्री धनराज ने स्टार गेजिंग के लिए आए हुए विद्यार्थियों को मोटिवेट करते हुए बताया कि वे खुद अभी कार्मेल स्कूल में पढ़ रहे हैं । वर्ष 2021 में उन्हें अंतरिक्ष और एस्ट्रोफोटोग्राफी में दिलचस्पी पैदा हुई जिसके बाद उन्होंने अपने हाथों से 60 मिलीमीटर व्यास और 700 मिलीमीटर फोकल लेंथ के लेंस का उपयोग कर अपवर्तक टेलिस्कोप  बनाया। अब उनकी टीम के साथ वे यूनिवर्स के रहस्यों को खोजने निकल पड़ते हैं और देर रात तक नए नए खगोलीय ऑब्जेक्ट्स का अवलोकन करते हैं। स्काई वाचिंग कैम्प की शुरुआत करते हुए डा विजय शर्मा ने ब्रह्मांड के बारे में जानकारी देते हुए विज्ञान सभा छत्तीसगढ़ की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी । 1995 से अपने 150 मिलीमीटर व्यास और 900 मिलीमीटर फोकल लेंथ के अवतल दर्पण वाले न्यूटोनियन टेलिस्कोप से मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के गांवों और शहरों में  विद्यार्थियों के बीच स्काई वाचिंग  कर रहे श्री विश्वास मेश्राम का परिचय कराते हुए उन्होंने बताया कि लोगों में वैज्ञानिक सोच पैदा करने, अंध विश्वास मिटाने और विज्ञान के प्रति अभिरुचि बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर बागबाहरा और आसपास के क्षेत्र के 300 से अधिक प्रोफेसर, डाक्टर, इंजीनियर, व्याख्याता शिक्षकों, विद्यार्थियों और बुद्धिजीवियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया । उन्हें 2 न्यूटोनियन और गैलीलियन टेलिस्कोपो से ग्रहों का अवलोकन कराया गया। देवरी हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल श्री डी एस टंडन द्वारा विद्यार्थियों को विज्ञान गीत आलू मिर्ची चाय जी, कौन कहां से आए जी का सामूहिक गायन कराया गया। उन्होंने श्री मेश्राम के साथ मिलकर दर्शकों को लेजर बीम के माध्यम से रात्रिकालीन आकाश में दिखाई दे रहे आकाशीय पिंडों को ओरायन, कैनिस मेजोरा, जेमिनी, ओरेगॉ आदि तारामंडलों और पुनर्वसु, काक्षी,  कृतिकाओं जैसे नक्षत्रों की पहचान कराई गई।   इस दौरान विशेषज्ञों द्वारा विद्यार्थियों और लोगों के विज्ञान से संबंधित सवालों के जवाब भी दिए गए ।

स्काई वाचिंग कैम्प में विशेषज्ञ के रूप में डा विजय शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर श्री गजानंद बुडेग,  देवरी हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य श्री डी एस टंडन, खोपली हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य श्री भोपाल बंजारा, पीजी कालेज से श्री कोमल सोनवानी, हाथी बाहरा से श्री खेमचंद चक्रधारी, फिजिक्स के प्राध्यापक श्री पंकज शर्मा, युवा खगोलविद धनराज एवं विश्वास मेश्राम ने लोगों के प्रश्नों के उत्तर दिए । कार्यक्रम में सुनसुनिया के जी व्ही वी, स्वामी आत्मानंद विद्यालय, नगर के शासकीय और निजी विद्यालयो और कॉलेज के विद्यार्थियों ने भाग लिया। बागबाहरा के बुद्धिजीवियों ने इस तरह के कार्यक्रमों की सराहना करते हुए अन्य स्थानों पर भी स्टार गेजिंग कैम्प आयोजित किए जाने का अनुरोध किया। स्टार गेजिंग कैम्प के आयोजन हेतु एस डी एम बागबाहरा श्री उमेश साहू, सी एम ओ नगर पालिका श्री बर्मन, के एम कालेज की प्रिंसिपल डॉ रश्मि मिंज, कस्तूरबा बालिका विद्यालय की वार्डन श्रीमती साहू, कार्मेल स्कूल के प्राध्यापक श्री सुशील जायसवाल, गणमान्य नागरिक श्री भैयाराम चंद्राकर, श्री आर के आर्या, श्री दिलीप सेन, श्री राजेश कौशिक, श्री मुरली मेश्राम, श्री कोमल सोनवानी आदि का सक्रीय सहयोग रहा।

Post Top Ad

ad inner footer ad inner footer