पिथौरा संस्कार न्यूज़ गौरव चंद्राकर/ स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर में स्नेह सम्मेलन वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ सम्पत अग्रवाल थे एवम अध्यक्षता जनपद सदस्य एवम सांसद प्रतिनिधि मनोहर साहू ने की।सम्मेलन में विद्यालय के भैया बहनों ने संस्कारो से सम्बंधित शानदार कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
शुक्रवार को सरस्वती शिशु मंदिर प्रांगण में वार्षिक उत्सव स्नेह सम्मेलन का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में विद्यालय के भैया बहनों ने एक नए अंदाज में कार्यक्रम का संचालन किया।कार्यक्रम में अधिकांश नृत्य गीत एवम प्रहसन देशभक्ति एवम संस्कारो से सम्बंधित रहे जिसे दर्शकों ने काफी सराहा।सशिम में पढ़ कर एवम कान्वेंट में आधुनिकता के बीच पढ़ाई कर एक इंसान उच्च पद पर पहुच कर भी अपने माता से कैसे व्यवहार करता है।यह बखूबी एक प्रहसन के माध्यम से समझाया गया जिसे दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से समर्थन दिया।इसके अलावा शिव तांडव , पंथी नृत्य , राजस्थानी नृत्य सहिय देश के अलग अलग राज्यो की संस्कृति भी कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुत की गई।
।।उत्कृष्ट आचार्य सम्मानित हुए।।
कार्यक्र के दौरान सशिम में पालकों के बीच सर्वे के बाद उत्कृष्ट आचार्यो को मुख्य अतिथि डॉ सम्पत अग्रवाल द्वारा प्रमाण पत्र एवम स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।इनमे सर्वश्रेष्ठ शिक्षक में विद्यालय की पाली प्रमुख एवम अंग्रेजी व्याख्याता गायत्री राजपूत एवम संस्कृत व्याख्याता सीताराम पटेल को सम्मानित किया गया।अनुशासन में कक्षा तीसरी की कक्षाचार्य युगीता निषाद को सम्मानित किया गया।इसके अलावा अपने मात्र चार माह के कार्यकाल में ही विद्यालय में अनुशासन एवम शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सफलता दिलाने में प्राचार्य ज्योति जोशी , कोषालय की माकूल व्यवस्था में आचार्य सरजु राम सिन्हा एवम विद्यालय में भैया बहनों में संगीत के प्रति आर्कषण बढ़ाने सीखाने के साथ विद्यालय के कंप्यूटर का कार्य सुचारू सम्पादित करने वाले अशोक बरिहा को भी मुख्य अतिथि डॉ सम्पत अग्रवाल द्वारा सम्मानित किया गया।
।।सशिम में पढ़ने का मतलब संस्कारी एवम देशभक्तों का निर्माण।।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुचे भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ सम्पत अग्रवाल ने सशिम के नियम एवम सिद्धांतो की मुक्त कंठ से प्रसंसा करते हुए कहा कि इस विद्यालय में पढ़ाई के साथ संस्कार की शिक्षा दी जाती है जो कि आजकल के युग मे आवश्यक है।आज जब बच्चों का अपने माता पिता से मोह कम हो रहा है।वहाँ सशिम अपने यहां पढ़ने वाले बच्चों को माता पिता से प्रेम एवम राष्ट्र के प्रति समर्पित रहने की शिक्षा दे रहा है जो कि प्रसंसनीय है। कार्यक्रम अध्यक्ष मनोहर साहू ने विद्यालय में दी जाने वाली संस्कार शिक्षा,सबसे कठिन विषय गणित को वैदिक गणित के माध्यम से पढ़ाई करवा कर आज के कठिन युग मे गणित को सरल कर दिया है।यहां शिक्षित अधिकांश बच्चों का उच्च स्तर पर पहुचना लगभग तय रहता है।उच्च स्तर पर पहुच कर भी यहां अध्ययन कर निकले बच्चे अपने संस्कार नही भूलते और न ही राष्ट्र भक्ति से अलग हो सकते है।इसलिए मेरी नजर में यह स्कूल देश भर में सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों की श्रेणी में आता है।