शिक्षा ज्योति (plc) समूह विकास खंड महासमुंद द्वारा पक्षियों के लिए घरौंदा बना कर उनके सरंक्षण की मुहिम - sanskar.live
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फ़रवरी 10, 2022

शिक्षा ज्योति (plc) समूह विकास खंड महासमुंद द्वारा पक्षियों के लिए घरौंदा बना कर उनके सरंक्षण की मुहिम

 शिक्षा ज्योति (plc) समूह विकास खंड महासमुंद द्वारा पक्षियों के लिए घरौंदा बना कर  उनके सरंक्षण की मुहिम


गौरव चंद्राकर संस्कार न्यूज़ की  रिपोर्ट

महासमुंद संस्कार न्यूज़/ शिक्षा ज्योति (plc) समूह विकास खंड महासमुंद के सदस्यों द्वारा लगातार शैक्षिक कार्यो के साथ साथ पूरी शिक्षा ज्योति (plc) समूह  द्वारा पक्षियों के सरंक्षण हेतु *चिरई के घरौंदा* अभियान की शुरुआत की जा चुकी समूह के सदस्यों का प्रमुख उद्देश्य है बच्चों एक अच्छी शिक्षा के साथ पर्यावरण में समाहित सभी प्रकार के जीव जंतुओं का सरंक्षण ताकि पर्यावरण को संतुलित किया जा सके से जोड़ना है समूह के सदस्यों द्वारा  विकासखंड स्रोत केंद्र brcc कार्यलय से इस अभियान की शुरुआत श्री जागेश्वर सिन्हा(brcc) को घरौंदा भेंट कर की गई पीएलसी समूह को सम्बोधित करते हुए सिन्हा जी ने कहा पर्यावरण को संतुलित रखने में पेड़-पौधों के साथ ही पशु-पक्षियों की भूमिका भी अहम है। लेकिन मनुष्य के अत्यधिक हस्तक्षेप के चलते इन सबकी संख्या कम होती जा रही है। यदि हम जल्द नहीं चेते तो स्थिति भयावह हो सकती है। कीटनाशकों के बढ़ते प्रयोग से जहां पक्षियों की संख्या कम होती जा रही हैं, वहीं कुछ प्रजातियां तो विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुकी हैं। गर्मियों का मौसम विशेषकर पक्षियों के लिए बहुत कष्टप्रद होता है। उन्हें बचाने के लिए सभी को थोड़ा-थोड़ा प्रयास करना होगा। कम से कम दान पानी एक पात्र में भरकर छायादार स्थान में रख दें तो बहुत से पंछियों की जान हम बचा सकते हैं साथ बताते चले  समूह के सदस्यों द्वारा पक्षियों के लिए 100 से अधिक घरौंदा बनवा कर आने वाले समय मे पक्षियों  को उनका स्थाई घर मिल सके और पक्षी सुरक्षित रह सके इसके लिए अपने अपने स्कुलो में लगाने की योजना है  इस अभियान के लिए सबसे पहले brcc कार्यलय को इस लिए चुना ताकि यहां आने वाले शिक्षक देखे और इनका अनुशरण कर अपने विद्यालय में कर सके इसके साथ ही  इस अभियान का आमजन मानस को पक्षियों के प्रति जागरूक के लिए किया जा सके और आनेवाले समय मे समूह के सदस्यों का संकल्प है कबाड़ में पड़े अनु उपयोगी   वस्तुओं को घोंसला बनाने के लिए उपयोग कर सभी को इस मुहिम में जुड़ने की अपील की ओर जल्द आने वाले समय मे सभी स्कूलों में पक्षियों के सरंक्षण हेतु जागरूकता अभियान चलाया जाएगा और सभी को  के महत्व के बारे में बताया जाएगा ।


शिक्षा ज्योति (plc) समूह विकास खंड महासमुंद के संयोजक के.आर.सोनवानी बताते है  मुझे आज भी याद है कि हमारे घर के आँगन में एक परिवार की तरह एक फुदक फुदक करती छोटी सी चिड़िया रहती थी।हमारा बचपन छोटे-छोटे पक्षी और रंग बिरंगी चिड़ियों के साथ बीता है पर जैसे-जैसे परिवेश में बदलाव हुआ,  छोटे-बड़े पेड़ कटते गए, मिट्टी झोपड़ी से बने घर की जगह धीरे-धीरे बड़े बड़े आलीशान  हमारे लिये आराम दायक छत ने ले लिया ,छत में इन चिड़ियों को घर बनाने के लिए जगह ना होने के कारण  और अन्य कारणों से धीरे-धीरे  हमारी बचपन की गौरैया समाप्ति की ओर जाते चले गए । 

     आज जब हमारे घर के आंगन पर एक छोटा सा चिड़िया आता है तो हमें बच्चों को बताना पड़ता है ये प्यारी नन्ही गौरैया हमारे बचपन में बहुत हुआ करते थे। 

   नन्ही चिड़िया गौरैया को एक छोटा सा घर देने के लिए हमारे "शिक्षा ज्योति पीएलसी समूह ब्लॉक महासमुन्द" द्वारा एक प्रयास किया गया है जिसके द्वारा मिट्टी से उनके लिए घरौंदा का निर्माण किया गया जिसको हम अपने घर में स्कूल में  या पेड़ पौधे पर लगा सकते हैं । हमारी नन्ही चिड़िया को एक सहारा दिया जा सकता है साथ ही धनमौरी का निर्माण कर इनके दाना का व्यवस्था भी किया जा रहा है। 

उप संयोजक बलराम नेताम ने कहा लगातार कुछ वर्षों से चिड़ियों की बहुत सी प्रजाति विलुप्त होती जा रही जो पहले घर के आसपास  दिख जाया करती थी लेकिन अब मनुष्यो के गलती के कारण ये  पक्षिया विलुप्त होती जा रही है इसका प्रमुख कारण है चिड़ियों के रहने हेतु घोंसला जो कि पहले अधिक घरों में दिख जाता था लेकिन अब मनुष्य अपना घर तो पक्का बनाता है लेकिन चिड़ियों के घरोंदे हेतु जगह नही छोड़ता और न ही उन्हें भोजन देता है इस प्रकार लगातार प्रकृति में पक्षियों की कमी होती जा रही है जिससे कि पर्यावरण को और मनुष्य दोनों  को ही नुकसान है पक्षियों का कृषि आधारित देश मे  बड़ा महत्व है यह किसानों के फसलों की रक्षा करती है बहुत से फसल को नुकसान पहुचाने वाले अनेक कीड़े मकोड़े को नष्ट करती है जिससे कि पर्यावरण संतुलित रहता है इनकी संख्या में कमी किसानों के लिए नुकसान दायक है  साथ ही साथ इनकी उपस्थिति और उनकी आवाज मन को प्रफुल्लित करती है समूह के ने कहा प्रकृति में सभी को जीने का समान अधिकार है इस लिए  पक्षियों के अस्तित्व के लिए घरौंदा दाना पानी जरूरी है इस मुहिम को प्रमुख रूप से चलाने में नीलकण्ठ यादव ,बाबूलाल ध्रुव,रामनाथ यादव ,पुरषोत्तम चन्द्राकर, प्रेम चन्द्राकर मुनिया निर्मलकर , नूतन दुबे, गोमती साहू,कमलनारायण यादव, लव निर्मलकर ,खुमान ध्रुव,कमल किशोर साहू,रामकृष्ण व ठाकुर,लोकेश कुर्रे,हेमू पटेल, मनोहर साहू,द्वारिका साहू, जितेंद्र साहू,चन्द्रप्रकाश सोनकर ,बलराम नेताम,,खोरबाहरा राम सोनवानी,ऐतराम साहू ,मनोज सेन,नंदनी साहू,दुर्गा यादव  ,आदि का विशेष सहयोग रहा है

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