नेत्र दान सबसे बड़ा दान परिशिष्ठ का लोकार्पण सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक सार्थक कदम - देवेश निषाद नगर पंचायत अध्यक्ष - sanskar.live
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सितंबर 02, 2025

नेत्र दान सबसे बड़ा दान परिशिष्ठ का लोकार्पण सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक सार्थक कदम - देवेश निषाद नगर पंचायत अध्यक्ष


 

पिथौरा संस्कार न्यूज़ गौरव चद्राकर /नगर पंचायत पिथौरा के अध्यक्ष देवसिंह देवेश निषाद ने अपने जन्म दिवस के शुभअवसर पर नगर के सक्रिय स्वयं सेवी सामाजिक संस्था दिव्यांग मित्र मंडल पिथौरा द्वारा नेत्रदान महादान पखवाड़ा पर आधिरित विशिष्ट परिशिष्ठ अंक नेत्र दान सबसे बड़ा दान का लोकार्पण अपने निवास स्थल रावणभाटा पारा में किया।

 इस मौके पर लेखक बीजू पटनायक, पत्रकार जाकिर कुरैशी और दिव्यांग मित्र मंडल के योजना प्रबंधन प्रभारी हेमंत खुटे मौजूद थे। 

दिव्यांग मित्र मंडल के योजना प्रबंधन प्रभारी हेमंत खुटे ने जानकारी देते हुए बताया कि दिव्यांग मित्र मंडल पिथौरा द्वारा प्रतिवर्ष नेत्र दान महादान के अवसर पर विशिष्ट परिशिष्ठ अंक प्रकाशन का कार्य नेत्रदान के लिए जागरूकता उत्पन्न करने और नेत्रदान के लिए लोगों को अभिप्रेरित करने के उ‌द्देश्य से विविध कार्यक्रम आयोजित किये जाते है इस वर्ष के इस अंक में नेत्रदान पिथौरा की एक अलग पहचान शीर्षक से अंचल के महान विभूतियों का सचित्र जीवन परिचय देकर उनके अमूल्य योगदानों को स्मरण किया गया है। नेत्रदान पिथौरा की एक अलग पहचान से पिथौरा का नाम रोशन हुआ है।

पत्रकार जाकिर कुरैशी ने कहा कि नेत्रदान महादान जनजागरण अभियान के तहत् यह परिशिष्ठ ज्ञानवर्धक अंक है। इसमें छत्तीसगण अंचल के आई बैंकों का उल्लेख टेलीफोन नंबरों सहित किया गया है। जिससे नेत्रदान दाता परिवारों को सहूलियत मिलेगी इसके अलावा नेत्रदान कौन कर सकता है और कौन नहीं कर सकता है। इसका संपूर्ण विवरण समाहित किया गया है। नेत्रदान महादान प्रचार की दृष्टि से यह परिशिष्ठ महत्वपूर्ण है। 

नगर पंचायत पिथौरा के अध्यक्ष देवसिंह निषाद ने परिशिष्ठ का अवालोकन करते हुए कहा कि यह परिशिष्ठ नेत्रदान महादान के विशेष संदर्भ में एक मार्गदर्शिका के रूप में लोगों को राह दिखायेगी। एक सामाजिक उत्तरदायित्व और पीडित मानवता के परिपेक्ष्य में इस विषय पर चिंतन मनन करने की जरूरत है। सबके सहभागिता से ही कोई पुण्य कार्य फलीभूत होता है। सामाजिक परिर्वतन की दिशा में यह एक सार्थक कदम है।

सामाजिक कार्यकर्ता एवं संपादनकर्ता बीजू पटनायक ने परिशिष्ठ के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पिथौरा के विविध पृष्ठ भूमि को रेखांकित करना मेरा प्रथम कर्तव्य एवं जिम्मेदारी है। आज के सामाजिक परिवेश में समय की मांग के अनुरूप हमारी सोंच और विचारधारा में परिर्वतन आवश्यक है। समदृष्टि, समभाव, मानवतापूर्ण कार्य इस परिशिष्ठ का मूल मंत्र है।

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