महासमुंद संस्कार न्यूज़ गौरव चंद्राकर/ संयुक्त मंच के पदाधिकारियों ने अपनी मांगों को लेकर एक सितंबर से हड़ताल में जाने से पहले कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा हैं। सौंपे ज्ञापन में लिखा है कि आईसीडीएस योजना की स्थापना को 50 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, लेकिन इतने लंबे समय के बाद भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं सरकारी सेवाओं में अपनी पहचान और अधिकारों के लिए संघर्षरत हैं। इसी कड़ी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संयुक्त मंच छत्तीसगढ़ के प्रांतीय आह्वान पर 1 सितम्बर 2025 को पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर सामूहिक अवकाश लेकर धरना, रैली और जागी प्रदर्शन आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।संयुक्त मंच के सुधा रात्रे, सुलेखा शर्मा द्रोपदी साहू, लता साहू पदाधिकारियों बताया कि सरकार अब तक उन्हें न तो श्रमिक, न मजदूर और न ही कर्मचारी का दर्जा दे रही है। इसके अलावा जीने लायक वेतन, पेंशन, ग्रेच्युटी, समूह बीमा, समुचित चिकित्सा सुविधा और पदोन्नति जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रखा गया है।कार्यकर्ताओं का कहना है कि विभागीय कामकाज में आ रही परेशानियों और जनसेवा के लिए संसाधनों की कमी की ओर जब आवाज उठाई जाती है, तो सहयोग करने के बजाय उन्हें स्पष्टीकरण नोटिस, सेवा से बर्खास्तगी और धमकी भरे पत्र दिए जाते हैं।संयुक्त मंच ने ऐलान किया है कि 1 सितम्बर 2025, सुबह 11:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक जिला मुख्यालय पर धरना-रैली कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा।धरना-रैली के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्र का भी उपयोग किया जाएगा। इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, एसडीएम, थाना प्रभारी और महिला एवं बाल विकास विभाग को सूचना एवं स्वीकृति हेतु पत्र सौंपा गया है।संयुक्त मंच ने स्पष्ट कहा है कि जब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता- सहायिकाओं को कर्मचारी का दर्जा और मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलतीं, आंदोलन जारी रहेगा।