आपातकाल को बताया लोकतंत्र का काला अध्याय : डॉ. किशोर सिन्हा - sanskar.live
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जून 25, 2025

आपातकाल को बताया लोकतंत्र का काला अध्याय : डॉ. किशोर सिन्हा

 विज्ञप्ति में जारी कर कांग्रेस पर बरसे बीजेपी नेता 



पिथौरा संस्कार न्यूज़ गौरव चंद्राकर
*/भाजपा नेता जनसेवक खल्लारी विधान सभा डॉ किशोर सिन्हा ने कहा कि 25 जून, 1975 के आपातकाल को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आंतरिक आपात स्थिति की घोषणा कर लोकतंत्र पर हमला बोला। आपातकाल को लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय बताया। इस दौरान प्रेस पर सेंसरशिप लगाई गई, नागरिकों की स्वतंत्रता छीनी गई और विपक्षी नेताओं को हिरासत में लिया गया। यह कदम देश की जनता के अधिकारों पर गहरा आघात था। इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन करते हुए सत्ता का दुरुपयोग किया। उन्होंने विपक्षी दलों पर अत्याचार, नेताओं की हिरासत और जनता पर दमनकारी नीतियों को लागू किया, जिससे देश में भय और असुरक्षा का माहौल बना।आपातकाल के दौरान न्यायपालिका पर दबाव डाला गया, जिससे न्यायिक स्वतंत्रता प्रभावित हुई। कई मामलों में न्यायाधीशों को जनता के हित में फैसले देने से रोका गया और संविधानिक प्रक्रियाओं को कमजोर किया गया। 1977 में जनता के व्यापक विरोध और मोरारजी देसाई के नेतृत्व में गठित सरकार के प्रयासों से आपातकाल समाप्त हुआ। इस दौरान गुजरात और बिहार में शुरू हुए जन आंदोलनों ने देश भर में इसका प्रभाव बढ़ाया, जिसके फलस्वरूप 1977 के चुनाव में इंदिरा गांधी की हार हुई। भाजपा आपातकाल जैसे काले अध्याय को याद रखकर लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। डॉ किशोर ने युवाओं से आग्रह किया कि वे डिजिटल प्लेटफॉर्म और प्रेस के माध्यम से लोकतंत्र की मजबूती के लिए जागरूकता फैलाएं। आगे डॉ किशोर सिन्हा ने कहा कि कि 1971 में लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीतने के बावजूद इंदिरा गांधी ने 1975 में सत्ता को बनाए रखने के लिए आपातकाल लगाया। गुजरात में 1974 का नेवसारी रेल हादसा और 1975 का आपातकाल जनता के आक्रोश का कारण बना। आज भी लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रेस और जनता की भूमिका महत्वपूर्ण है। भाजपा इस ऐतिहासिक सबक को भविष्य में दोहराने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।



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