कार्यक्रम मुख्य अतिथि के रूप में एसडीओपी पिथौरा अजीत ओगरे मुख्य रूप से उपस्थित थे
पिथौरा संस्कार न्यूज़ गौरव चंद्राकर/रामदर्शन पब्लिक स्कूल, जंघोरा में आयोजित वार्षिक समारोह “अभिVyakti – The Expression 2025” कला, संस्कृति और प्रेरणा से भरपूर एक अविस्मरणीय आयोजन साबित हुआ। 1,000 से अधिक दर्शकों की उपस्थिति ने इस शाम को और भी खास बना दिया, जहाँ छात्रों की शानदार प्रस्तुतियों ने हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की वंदना से हुई, जहाँ कक्षा 7वीं और 8वीं के विद्यार्थियों ने अपने मधुर स्वरों से वातावरण को आध्यात्मिकता से भर दिया। इसके बाद, स्वागत गीत ने कार्यक्रम में जोश और उल्लास भर दिया। मंच की असली रौनक तब बढ़ी जब नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपनी मासूमियत से भरी प्रस्तुतियाँ दीं। नर्सरी और एलकेजी के छात्रों ने अपने मनमोहक नृत्य के माध्यम से माता-पिता के प्रति प्रेम और कृतज्ञता प्रकट की, जबकि कक्षा 1 के विद्यार्थियों ने ‘गीता सार’ पर आधारित नाटक प्रस्तुत कर जीवन के मूलभूत सिद्धांतों को सरलता से समझाया।
जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ा, दर्शकों की भावनाएँ और गहरी होती गईं। कक्षा 10 के विद्यार्थियों ने भारत के प्रतिष्ठित उद्योगपति रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवन और संघर्षों को दर्शाने वाली एक प्रेरणादायक प्रस्तुति दी, जिसने हर किसी के मन को छू लिया। उनकी कहानी केवल एक सफलता की गाथा नहीं थी, बल्कि यह सिखाने वाली थी कि कैसे सादगी, समर्पण और नवाचार किसी व्यक्ति को महान बना सकता है।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पिथौरा के अनुविभागीय पुलिस अधिकारी (SDOP) अजीत ओगरे उपस्थित रहे। अपने ओजस्वी भाषण में उन्होंने सोशल मीडिया के अत्यधिक प्रयोग से होने वाले दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को अनुशासन, कड़ी मेहनत और लक्ष्य के प्रति समर्पित रहने की सीख दी। उन्होंने अपनी संघर्षपूर्ण यात्रा साझा करते हुए बताया कि कैसे एक साधारण व्यक्ति भी अपने दृढ़ संकल्प और ईमानदारी से असाधारण उपलब्धियाँ हासिल कर सकता है। उनकी प्रेरणादायक बातें छात्रों के लिए किसी मार्गदर्शन से कम नहीं थीं।
कार्यक्रम में विभिन्न रंगारंग प्रस्तुतियाँ शामिल रहीं। छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य, ओड़िया सांस्कृतिक प्रस्तुति, हास्य नाटक, और दक्षिण भारतीय रीमिक्स डांस जैसे विविध कार्यक्रमों ने दर्शकों को लगातार बांधे रखा। लेकिन जो प्रस्तुति सबसे ज्यादा भावनात्मक रही, वह थी कक्षा 5 के विद्यार्थियों द्वारा अपने दादा-दादी और नाना-नानी को समर्पित विशेष नाटक। इस नाटक ने बुजुर्गों के प्रति सम्मान और उनकी अनमोल सीखों के महत्व को भावुक कर देने वाले अंदाज में प्रस्तुत किया, जिससे पूरा सभागार भावनाओं में डूब गया।
कार्यक्रम के अंत में रामदर्शन पब्लिक स्कूल की चेयरमैन कविता अग्रवाल ने सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “हम केवल पाठ्यक्रम की शिक्षा नहीं देते, बल्कि यह भी सिखाते हैं कि जीवन में सफलता के साथ संस्कार और अनुशासन भी उतने ही आवश्यक हैं। ‘अभिVyakti’ केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि हमारे विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत और उनकी भावनाओं का उत्सव है।”
इस पूरे आयोजन के दौरान 1,000+ दर्शक तालियों की गड़गड़ाहट से अपनी खुशी जाहिर करते रहे। मंच पर हर प्रस्तुति के बाद दर्शकों की प्रसन्नता देखते ही बनती थी। जब कार्यक्रम समाप्त हुआ, तब भी लोगों के चेहरे पर संतोष और उत्साह झलक रहा था। “अभिVyakti 2025” न केवल एक कार्यक्रम था, बल्कि यह एक प्रेरणादायक यात्रा बन गया, जिसने हर किसी के मन में एक सकारात्मक ऊर्जा और यादगार अनुभव छोड़ दिया।