राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र बना छत्तीसगढ़ सायक्लिंग विथ वेल मॉडल - sanskar.live
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दिसंबर 30, 2024

राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र बना छत्तीसगढ़ सायक्लिंग विथ वेल मॉडल

राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र बना छत्तीसगढ़ सायक्लिंग विथ वेल मॉडल




अभनपुर संस्कार न्यज़ गौरव चंद्राकर /राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान परिषद द्वारा आयोजित नेशनल स्तर के 51वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी 2024 का आयोजन 26 दिसंबर 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक सोनीपत हरियाणा में आयोजित हो रही है जिसमे देशभर के सभी राज्यों से चयनित विज्ञान के कार्यशील मॉडल के प्रतिभागी छात्र-छात्राएं और उनके मार्गदर्शक शिक्षक भाग ले रहे है 

जिसका मुख्य विषय साइंस एंड टेक्नोलॉजी फॉर सोसायटी के अंतर्गत अनेक उपविषय आधारित प्रादर्श की प्रदर्शनी की जा रहा है सभी मॉडल

लोगो की जीवन को आसान बनाने उन्हें आत्मनिर्भर बनाने ऐवम दैनिक कार्यों को आसान बनाने में साइंस और टेक्नोलॉजी का उपयोग कैसे कर सकते है देश के किसानो को उन्नत कृषि के लिए नई तकनीकी का उपयोग करना सिखाना मुख्य रूप से शामिल है ज्ञात हो कि राष्ट्रीय स्तर पर देशभर से 185 विज्ञान मॉडल का चयन किया गया है इस प्रदर्शनी के लिए विद्यार्थियों एवम शिक्षकों के लिए प्रतिदिवस साइंस टॉक अंतर्गत देश ने नामी आईआईटीयन्स और साइंस फील्ड के विशेषज्ञोंके द्वारा मोटिवेशनल स्पीच भी दिया जा रहा है जिसमे से पीएमश्री शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अभनपुर (सेजेस अभनपुर) की दिव्यांग छात्रा गौरी सेन ऐवम भावना मार्कण्डे का मॉडल राष्ट्रीय स्तर के प्रदर्शनी  में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है इस प्रादर्श के मार्गदर्शक शिक्षक हेमन्त कुमार साहू ने बताया कि साइकिलिंग विथ वेल मॉडल जोकि विशेषरूप से ग्रामीण क्षेत्रों में के लिए बनाया गया है जहाँ आज भी महिलाएं कुएँ से पानी निकालते है उनके पास निस्तारी के लिए कुआँ ही एक मात्र साधन है जिसके कारण महिलाओं को कुएँ  से बाल्टी से पानी खिचने में बहुत तकलीफ़ो का सामना करना पड़ता है कई ऐसी भी घटनाएँ हो चुकी है जिसमे कुएँ से पानी निकलते समय महिलाएँ कुए में गिर जाने से मृत्यु भी हो चुकी है अत: ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए एक सरल सा मॉडल बनाये है जिसमे पानी निकालने के लिए हाथ से रस्सी खीचना नहीं पड़ेगा मॉडल के रूप में सायकिलिंग करके पानी आसानी से निकाल सकते है क्योकि साइकिल को मॉडिफाई करके एक उपकरण बनाया गया है जिसमे जैसे-जैसे साइकिल का पहिया चलाया जाता है पानी ऊपर आने लगता है इस उपकरण का उपयोग करके कम बल लगाकर अधिक पानी निकाल सकते है इससे हाथ से दिव्यांगजन भी आसानी से पानी निकाल सकते है । उक्त प्रदर्शनी में मार्गदर्शक शिक्षक के रूप में सुमेख पटेल ऐवम हेमन्त कुमार साहू अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे है ।


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December 30, 2024 at 10:40AM

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