पिथौरा संस्कार न्यूज़ गौरव चद्राकर /गणतंत्र दिवस 2025 के दिन पिथौरा के रामदर्शन पब्लिक स्कूल में एक अनोखा और प्रेरणादायक दृश्य देखा गया, जब चार दृष्टिहीन छात्रों ने अपनी अदम्य इच्छाशक्ति के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराया। यह क्षण न केवल गणतंत्र दिवस के उत्सव को खास बना गया, बल्कि यह साबित कर दिया कि चुनौतियां केवल उस समय होती हैं जब हम हार मान लेते हैं। इन छात्रों ने इस दिन को अपने हौसले और संघर्ष की कड़ी मेहनत से अमिट बना दिया।
इस ऐतिहासिक ध्वजारोहण में चार दृष्टिहीन छात्रों ने भाग लिया, जिन्होंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता और प्रेरक प्रस्तुतियों से सभी को अभिभूत किया। इनमें गरिमा ठाकुर, जो एक कुशल ब्रेल पाठक हैं, और कुसुम प्रधान, जो ब्रेल लेखन और गायन में माहिर हैं, विशेष रूप से चर्चा में रहे। कुसुम ने अपनी दिल को छू लेने वाली आवाज में “वंदे मातरम्” गाया, जो हर किसी को देशभक्ति के भाव में डुबो गया।
इस मौके पर महारथी राणा, जो एक अद्वितीय तबला वादक हैं, ने अपनी मधुर ताल से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही, कुश अजय ने अपने प्रेरणादायक संवाद से दर्शकों का दिल जीत लिया। उनकी बातों ने इस दिन के महत्व को और भी बढ़ा दिया। इन सभी छात्रों ने यह साबित किया कि शारीरिक विकलांगता कभी भी आत्मविश्वास और मेहनत की राह में रुकावट नहीं बन सकती।
इन छात्रों का मार्गदर्शन करने वाले उनके शिक्षक, मिस पुष्पलता पटेल (वाइस प्रिंसिपल और विशेष शिक्षिका) और मास्टर दिव्यलोचन साहू (वालंटियर), ने भी इस ऐतिहासिक पल को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई। मिस पटेल ने कहा, “यह सिर्फ ध्वजारोहण का मौका नहीं था, बल्कि यह समाज को एक मजबूत संदेश था कि अपने सपनों का पीछा करते हुए हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए।”
गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत ध्वजारोहण और राष्ट्रगान से हुई, जिसके बाद इन छात्रों की प्रस्तुतियों ने समारोह को और भी शानदार बना दिया। कुसुम के गायन और महारथी के तबला वादन ने हर किसी को भावनात्मक रूप से जोड़ दिया।
स्कूल के प्रधानाचार्य ने इस अवसर पर कहा, “आज का दिन हमारे लिए गर्व का दिन है। इन छात्रों ने यह सिद्ध कर दिया है कि संघर्ष, साहस और इच्छाशक्ति से कोई भी बाधा पार की जा सकती है। हम इन पर गर्व महसूस करते हैं।”
कार्यक्रम का समापन तालियों और सराहनाओं के बीच हुआ, और यह समारोह एक प्रेरणादायक बन गया जो यह साबित करता है कि अगर नीयत मजबूत हो, तो कोई भी मुश्किल हमारी राह नहीं रोक सकती।